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बीजेपी ने कैसरगंज से ब्रजभूषण सिंह का टिकट काटकर बेटे को प्रत्याशी बनाया

 02 May 2024

लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने नई लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी ने चर्चा में चल रही उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से मौजूदा सांसद ब्रजभूषण सिंह का नाम काटकर उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया है। ब्रजभूषण पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था और इस मामले ने काफ़ी तूल पकड़ा हुआ है। और लगाने वालो में ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट भी हैं। उधर, दिनेश प्रताप सिंह को बीजेपी ने रायबरेली से अपना प्रत्याशी बनाया है। 


कौन है करण भूषण सिंह

करण भूषण सिंह वर्तमान में उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष है। करण डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं। करण भूषण ने डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से बीबीए व एलएलबी की है। वह सहकारी ग्राम विकास बैंक, गोंडा के अध्यक्ष भी हैं। उनका यह पहले चुनाव है।



पहलवानों का प्रदर्शन

पिछले साल जनवरी की कड़कड़ाती ठंड में ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत अन्य पहलवानों भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर कई दिनों तक प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पिता पर लगे यौन शोषण के आरोप के बाद करण भूषण सिंह को सांसद तक पहुंचने के लिए पूरा दमखम दिखाना होगा।



कैसरगंज लोकसभा सीट का इतिहास 

कैसरगंज लोकसभा सीट के संसदीय इतिहास को देखें तो यहां प कभी समाजवादी पार्टी का दबदबा हुआ करता था। सपा को लगातार 4 बार यहां पर जीत मिली थी। बाद में यह सीट ब्रजभूषण सिंह के नाम से पहचानी जाने लगी। वे लगातार तीन बार से सांसद हैं। कांग्रेस को भी अब तक इस सीट पर ती बार जीत मिली है।  कैसरगंज में 20 मई को पांचवें चरण में मतदान होगा।


रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह 

बीजेपी ने कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली सीट रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को चुनावी मैदान में उतरा है। दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस से 2010 में पहली बार और 2016 में दूसरी उत्तर प्रदेश से विधान परिषद के सदस्य रहे। लेकिन 2018 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को कांग्रेस से सोनिया गांधी के खिलाफ उतरा था पर वे करीब पौने दो लाख वोटों से हार गये थे।